ठेले पर मरीजों को ले जाने को मजबूर परिजन, सात किलो मीटर तक घीचा था ठेला
बलिया, (खौफ 24) एक व्यक्ति अपने भाई को हनुमानगंज से ठेले पर बैठाकर अपने बड़े भाई को लेकर अधिकारियों के आवास से होकर जिला अस्पताल पहुंचा। संवेदना तो तब मर गई जब एक गरीब मरीज के दर्द को समझने के बजाय ठेले पर ही उसको पूरा अस्पताल दौड़ा दिया गया. कारण यह था कि कही अगर एंबुलेंस को फोन करते हैं तो एंबुलेंस आने में देर करती इससे अच्छा क्यों न धीरे-धीरे अस्पताल की ओर बढ़ चले, फिर क्या था परिजन ने अपने मरीज को ठेले पर बैठाकर अस्पताल पहुंचा लेकिन जिसके लिए परिजन ने सात किलोमीटर की यात्रा ठेले से कि। शायद वह उद्देश्य जिला अस्पताल में आते ही टूट कर बिखर गया।
मरीज के भाई काशीनाथ ने बताया कि वो बलिया जिले के हनुमानगंज स्थित ब्रह्मइन के रहने वाले हैं. उनके मरीज को सोते समय गिरने के कारण चोट लग गया था, जिससे हड्डी टूट गई थी. कच्चे प्लास्टर को कटवाने के साथ चोट लगे हिस्से पर मरहम पट्टी कराना था. मरीज की हालत भी कुछ सही नहीं थी इसलिए काशीनाथ ने अपने मरीज को ठेले पर ही लेकर अस्पताल पहुंच गया कि जल्द उपचार मिल जाएगा, लेकिन अस्पताल के जिम्मेदारों ने इस गरीब मरीज को पूरे अस्पताल घुमा दिया।
परिजन काशीनाथ ने बताया कि अस्पताल में आने के बाद प्लास्टर तो कट गया लेकिन मरहम पट्टी करवाने के लिए मुझे पूरा अस्पताल घुमाया गया. 12 नंबर में गया तो उन्होंने कहा कि इमरजेंसी में जाइए. इमरजेंसी में गया तो डॉक्टर साहब ने खदेड़ा. इस तरह कई वार्ड में गया उसके बाद जब लोकल 18 मीडिया के लोगों से मुलाकात हुई तो मेरे भाई का उपचार करने के लिए डॉक्टर तैयार हुए हैं. इससे पहले इन लोगों ने पूरे अस्पताल का भ्रमण मजे का कर दिया।
काशीनाथ मरीज के परिजन
जिला अस्पताल बलिया के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुमिर कुमार ने बताया कि अपने मरीज को इन्होंने ठेले पर लाया था. मुझे जानकारी अब मिली है तो मैं फार्मासिस्ट को भेजा है. कुछ वार्ड बाय भी गए हैं. मरीज की हालत को देखते हुए विचार शुरू कर दिया गया है. प्राथमिक उपचार के दौरान इस मरीज को भर्ती कराया जाएगा।बाइट – डाo सुमित कुमार जिला अस्पताल बलिया।