जिलाधिकारी द्वारा समाहरणालय से सड़क सुरक्षा जागरूकता रथों को किया गया रवाना
पटना, (खौफ 24) जिलाधिकारी, पटना-सह-अध्यक्ष, जिला सड़क सुरक्षा समिति डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज समाहरणालय, पटना से सड़क सुरक्षा जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इन रथों से पूरे जिला में लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक किया जाएगा एवं अनुपालन हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पूर्व के वर्षों की भाँति इस वर्ष भी सड़क सुरक्षा माह मनाया जा रहा है। यह दिनांक 01 जनवरी, 2025 को प्रारंभ हुआ है जो 31 जनवरी, 2025 तक चलेगा। लगभग 15 रथों को रवाना किया गया है जो ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में घूम-घूम कर लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए आम नागरिकों के बीच नियमित तौर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को निदेशित किया गया है। पुलिस अधीक्षक, यातायात द्वारा भी विद्यार्थियों, अभिभावकों, वाहन चालकों एवं वाहन स्वामियों के साथ-साथ सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में सक्रिय व्यक्तियों एवं पदाधिकारियों के बीच लगातार उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जाता है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बढ़ती हुई सड़क दुर्घटनाओं एवं उसके फलस्वरूप होनेवाली मृत्यु को लेकर प्रशासन गंभीर है। जिला प्रशासन, पुलिस, परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा, पथ निर्माण से जुड़े सभी विभागों, नगर निकायों, विद्यालय/महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं, परिवहन संघों, अधिकृत वाहन विक्रेताओं, वाहन प्रशिक्षण स्कूलों, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आमजन की जनसहभागिता से जागरूकता अभियान एवं संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के पाँच मुख्य घटक हैंः- सुरक्षित यातायात व्यवहार, दुर्घटना-पश्चात देख-भाल, सड़क सुरक्षा प्रबंधन, सुरक्षित सड़क निर्माण तथा सुरक्षित वाहन निर्माण। हम सबको इसे सुनिश्चित करना चाहिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क सुरक्षा एक सामूहिक और साझा जिम्मेदारी है।यातायात नियमों के अनुपालन के साथ हमेशा सड़क शिष्टाचार का पालन करें। पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों का सम्मान करें।एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहनों के लिए रास्ता दें और जीवन बचाने में मदद करें। प्रतिस्पर्धा की भावना से गाड़ी न चलाएँ। जितनी जल्दी होगी, उतनी ही सुरक्षा कम होगी।गति सीमा से ज़्यादा तेज रफ़्तार से गाड़ी न चलाएँ। निर्धारित वज़न सीमा से ज़्यादा भार न रखें ।गाड़ी चलाते समय अति-आत्मविश्वास न रखें। इससे सड़क पर बेवजह जोखिम उठाना पड़ सकता है।अन्य वाहनों से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।सभी प्रकार के विचलित ड्राइविंग (distracted driving) और सड़क पर क्रोध (road rage) से बचें। ड्राइविंग करते समय आपको पूरा फ़ोकस्ड रहना चाहिए। विचलित होने से बचने का सबसे अच्छा तरीका है ध्यान केंद्रित रखना: अपने हाथों को स्टीयरिंग पर और अपनी आँखों को सड़क पर केंद्रित रखना। गाड़ी चलाते समय अपने फ़ोन को “डू नॉट डिस्टर्ब” पर सेट करें और रिंगर बंद कर दें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के बारे में नागरिकों को जानकारी देकर तथा आम जनता के द्वारा इसका अनुपालन कर दुर्घटनाओं की विभीषिकाओं को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। साथ ही, दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की मदद करने वाले गुड सेमेरिटन को जिला प्रशासन द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बच्चे एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति सड़क सुरक्षा अभियान में ब्रैण्ड एम्बेसडर की भूमिका निभा रहे हैं। वे सभी अपने-अपने परिवार, समाज, सम्पर्क के सभी लोगों, विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा सार्वजनिक स्थलों पर यातायात एवं सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं तथा उन्हें नियमों एवं प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करते हैं।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दुर्घटना के मुख्य कारणों में जानकारी का अभाव न होकर इसका अनुपालन नहीं किया जाना है। लोगों के बीच सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी है, परन्तु कुछ लोग लापरवाह हैं एवं इसका अनुपालन नहीं करते हैं, फलस्वरूप दुर्घटना घटती है। हम सबको सड़क दुर्घटना के दुष्परिणामों के संबंध में सोचने की जरूरत है। अपने जीवन के साथ-साथ दूसरे के जीवन को भी लापरवाह लोग खतरे में डालते हैं। कुछ युवा मोडिफायड बाईक के द्वारा काफी हाई-स्पीड में तरह-तरह की गतिविधि करते हैं एवं अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न करते हैं। इसके प्रति सचेत होने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन द्वारा जगह-जगह सीसीटीवी का संस्थापन किया गया है। ओवरस्पीडिंग, बिना हेलमेट का दुपहिया वाहन का प्रयोग करना, चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करना, मानक के अनुसार हेलमेट का प्रयोग नहीं करना आदि मामलों में त्वरित एक्शन लिया जाता है। शहर में इन्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेन्ट सिस्टम को पूर्ण रूप से लागू किया जा रहा है। कैमरों से शहर की निगरानी, रेड लाईट वायलेशन डिटेक्शन, ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन सहित अन्य सॉफिस्टिकेटेड तकनीकों के माध्यम से नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 415 स्थानों पर 3300 से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। इसमें सीसीटीवी सर्विलांस कैमरा 2,602; रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) कैमरा 473; ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरा 150; स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी) कैमरा 12 तथा व्हीकल डिटेक्शन एंड क्लासिफिकेशन (वीडीसी) कैमरा 120 लगाया गया है। 69 स्थानों पर पब्लिक एड्रेसल सिस्टम से नियमित तौर पर उदघोषणा की जाती है। इंटिग्रेटेड कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से अनुश्रवण किया जाता है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए सभी भागीदारों (स्टेकहोल्डर्स) को प्रतिबद्ध रहना होगा। बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन, बिना सीट बेल्ट बांधे चारपहिया वाहन तथा वाहन चलाते समय मोबाईल फोन का उपयोग नहीं करने के प्रति सभी को दृढ़ संकल्पित होना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि सड़क सुरक्षा माह, 2025 जनवरी महीना के दौरान सम्पूर्ण जिला में मनाया जा रहा है। इसके लिए विभिन्न कार्यक्रम निर्धारित किये जा रहे हैं। डीएम डॉ. सिंह ने पदाधिकारियों को सभी कार्यक्रमों में जनसहभागिता सुनिश्चित कर कार्यक्रम को सफल बनाने का निदेश दिया है।
डीएम डॉ. सिंह के निदेश पर सड़क सुरक्षा माह के आयोजन के अंतर्गत प्रतिदिन कार्यक्रम एवं जाँच अभियान चलाया जा रहा है। गुड सेमेरिटन को सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाएगा। गलत दिशा में वाहन चालन एवं ओवरलोडिंग पर विशेष जाँच अभियान चलाया जा रहा है। सड़क सुरक्षा नियमों के पालन हेतु शपथ ग्रहण का आयोजन किया गया है । एनसीसी के सहयोग ट्रैफिक पार्क एवं ट्रैफिक गेम का आयोजन किया जाएगा। छात्र-छात्राओं द्वारा मार्च निकाला जाएगा। कोहरे के समय विशेषकर शीत ऋतु में वाहनों पर प्रवर्तक टेप संबंधी जांच अभियान, वाहन चालकों का नेत्र एवं स्वास्थ्य जाँच शिविर तथा रिफ्लेक्टिव टेप, इन्श्योरेन्स एवं फिटनेस पर विशेष जाँच अभियान; एन.सी.सी./कॉलेज एवं कॉलेज एम्बेस्डर द्वारा स्कूल/कॉलेज के छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों पर जागरूकता कार्यक्रम तथा उनके बीच स्लोगन/भाषण/वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन तथा एन.एच. पर विशेष जाँच अभियान एवं वाहनों पर रिफ्लेक्टिव टेप का अधिष्ठापन; ट्रक, ऑटो एवं बीएसआरटीसी बस चालकों को ड्राईवर रिफ्रेशर ट्रेनिंग तथा हेलमेट जाँच, हेलमेट बकल जाँच, हेलमेट बिक्रेताओं की जाँच एवं मानक के अनुसार हेलमेट की बिक्री नहीं करने वाले दुकानदारों पर नियमानुसार कार्रवाई; फर्स्ट एड एवं पी.एच.टी. पर प्रशिक्षण तथा एमवी ऐक्ट के प्रावधानों के अनुसार ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों की जाँच एवं अंकेक्षण, हिट एण्ड रन और नॉन-हिट एण्ड रन विषय पर जागरूकता अभियान, कला-जत्था/अन्य नाट्य कलाकारों के माध्यम से जिले के महत्वपूर्ण स्थलों पर नुक्कड़-नाटकों का आयोजन तथा एमवी ऐक्ट के प्रावधानों के अनुसार हेलमेट/सीट बेल्ट/वाहन चालन के दौरान मोबाईल का प्रयोग नहीं करने एवं एसएलडी पर सघन वाहन जाँच अभियान अभियान चलाया जाएगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि विश्व सड़क सांख्यिकी के आंकड़ों के अनुसार 13 लाख मृत्यु तथा 5 करोड़ इंजरी सड़क दुर्घटना के कारण प्रतिवर्ष घटित हो रहा है। हमारा देश 199 देशों में सड़क दुर्घटना के मामले में सबसे ऊपर रहता है। पूरे विश्व में सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई मृत्यु का लगभग 10 प्रतिशत भारत में हो रहा है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारा पटना जिला भी इससे बुरी तरह प्रभावित है। थानावार मासिक आंकड़ों का जिक्र करें तो वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटना के कुल 415 मामले आए तथा 196 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। 201 व्यक्ति जख्मी हुए। हम सबको इसे रोकने की आवश्यकता है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि आज कल रोडरेज की घटना भी काफी बढ़ गई है। लोग बेवजह उलझ जाते हैं। उन्होंने कहा कि अध्ययन यह बताता है कि तेज गति से चलने के वाबजूद गंतव्य पर पहुँचने में निर्धारित समय ही लगेगा। अतः ओवरस्पीडिंग या ओवरटेक से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों की जानकारी हेतु समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स कराया जाएगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सड़क पर घायल व्यक्ति के प्रति हम सबको मानवीय दृष्टिकोण रखना चाहिए। संवेदनशीलता के आधार पर गोल्डेन आवर में उन्हें सहायता पहुँचा कर उनकी जान बचायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सहायता करने वालों को प्रशासन के तरफ से भी सभी सहयोग प्रदान किया जाता है। किसी को डरने की आवश्यकता नहीं है। उनकी पहचान भी गुप्त रखी जाती है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी अनुमंडलों एवं प्रखंडों, अस्पतालों तथा थानों में गुड सेमेरिटेन (अच्छे मददगार व्यक्ति) से संबंधित प्रावधानों एवं नियमों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने सड़क सुरक्षा माह मनाने के लिए जन जागरूकता एवं व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु पर्याप्त मात्रा में बैनर, पोस्टर एवं होर्डिंग, फ्लैक्स, संकेतक लगाने का निदेश दिया है।
डीएम डॉ. सिंह ने स्वयं सेवी संगठनों, समाज सेवियो, माननीय जनप्रतिनिधियों, पत्रकार बंधुओं, छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों, शिक्षकों के साथ-साथ आम नागरिकों से भी इस माह के कार्यक्रमो में पूरे उत्साह से भाग लेने की अपील की है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, अपर जिला परिवहन पदाधिकारी एवं अन्य भी उपस्थित थे।