बच्चो का हक मारते शिक्षकों कारिस्तानी से बच्चो की संख्या में हो रही कमी

यूपी, संजय कुमार तिवारी  शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सरकार लाख प्रयास करें लेकिन यूपी की शिक्षा विभाग सुधरने का नाम नही ले रही है। जिसका नजारा बलिया के पंदह ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सहुलाई तकिया में देखने को मिला। इस विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। यहां सामने मास्टर साहब खड़े है और मास्टर साहब के सामने ही बच्चे विद्यालय की सचाई को बता रहे है। इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों से पूछा गया की आपके विद्यालय का नाम क्या है तो बच्चे विद्यालय का नाम तक नही बता पाए।इतना ही नहीं बल्कि बच्चे यह बताए की यहां पर भोजन में बस खिचड़ी, और चावल सब्जी मिलती है। कभी रोटी नही मिलती है और तो और बुधवार के दिन दूध भी नसीब नही होता है।

इस विद्यालय की शिकायत ग्रामीणों जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक की है लेकिन इन शिकायतों के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।ग्रामीणों का आरोप है कि इस विद्यालय के हेडमास्टर बच्चो को पढ़ाने की बजाय दूसरे जगह से पानी मांगते है। विद्यालय में लगे हैंडपंप भी खराब है तो दूसरा हैंडपंप का पानी कोई पिता नही है।आरोप यह भी है कि इस विद्यालय के बच्चे मास्टर साहब की कारिस्तानी से दूसरे विद्यालय में जाने को मजबूर हो गए है।यहां पर बच्चो की संख्या प्रतिदिन घटती जा रही है। विद्यालय में पढ़ाई नही होती है अब बच्चे मास्टर साहब के डर के चलते विद्यालय जाना बंद कर दिए है।

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क्योंकि जब विद्यालय में बच्चे काम नही करते है तो डराया जाता है इस विद्यालय पर मेनू के हिसाब से भोजन नहीं मिलता है और नही दूध मिलता है। आखिर जब इसकी शिकायत ग्रामीणों के द्वारा की जाती है तो जिला प्रशासन कार्यवाही के नाम पर आखिर कार्यवाही क्यों नही होती है।ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही नही होने पर कही न कही प्रशासन सवालियां निशान लगने लगता है।अब देखना यह होगा की जिला प्रशासन ऐसे अध्यापकों के खिलाफ कार्यवाही करती है या नहीं।


बाइट – खुशी कक्षा पांच की छात्रा।
बाइट – नीतू कक्षा पांच की छात्रा।
बाइट – दिलीप कुमार सहायक अध्यापक सहूलाई तकिया।
बाइट – अरुण चौहान शिकायत कर्ता।

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