तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से बिहार सहित पूरे देश में प्रभावी हो गए है
देश में पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए बनाए गए तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से बिहार सहित पूरे देश में प्रभावी हो गए है ।
इसके साथ ही ब्रिटिश शासनकाल से प्रभावी रही भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और 1872 के साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएंगे।
प्रदेश के सभी पुलिस थानों में नए कानून को प्रभावी किए जाने के पूर्व पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया, जो कार्य पूरा हो चुका है। एक जुलाई को राज्य के सभी थानों पर आम जनता को नए कानून (New Criminal Law) की जानकारी देने को पाठशाला लगेगी।
इसमें थानाध्यक्ष स्थानीय नागरिकों को आमंत्रित कर तीनों नए आपराधिक कानून की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी देंगे। थानों में पदस्थापित महिला पुलिस पदाधिकारियों द्वारा आमंत्रित नागरिकों को विशेष रूप से महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित प्रमुख प्रविधानों की जानकारी दी जाएगी।
साथ ही बड़े बदलावों पर तैयार एक पुस्तिका भी थानाध्यक्षों के स्तर पर आमंत्रित नागरिकों को दी जाएगी। नए कानून लागू होने पर विभिन्न अपराध दर्ज करने की धाराएं और न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। नया कानून लागू होने पर सबसे बड़ा बदलाव होगा कि पुलिस जांच पदाधिकारियों की जांच व अनुसंधान का तरीका बदलेगा।
डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा मिलेगा जिससे गंभीर अपराध के घटनास्थल पर उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य संकलित किए जा सकेंगे। घटनास्थल की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पर जोर रहेगा।
अपराध में मोबाइल फोन, इंटरनेट मीडिया, इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के आलोक में पुलिस पदाधिकारियों को इलेक्ट्रानिक साक्ष्य एकत्र कर न्यायालय में पेश करने होंगे। खास कर साइबर अपराधों के मामलों में त्वरित कार्रवाई हो सकेगी।
एफआईआर डाउनलोड करने की सुविधा पुलिस मुख्यालय ADG संजय सिंह ने बताया कि वर्तमान में बिहार पुलिस के एससीआरबी वेबसाइट पर एफआईआर डाउनलोड करने की सुविधा उपलब्ध है।
शीघ्र ही गुम हुई संपत्ति, लापता व्यक्ति, घरेलू सहायक, ड्राइवर, का पूर्व चरित्र सत्यापन, वरिष्ठ नागरिक का रजिस्ट्रेशन व किरायेदार का पूर्व चरित्र सत्यापन जैसी व्यवस्थाएं ऑनलाइन होंगी। बिहार पुलिस की वेबसाइट पर तीनों आपराधिक कानून हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध होंगे।
ई-मेल से करें थानों को शिकायत
डिजिटल पुलिसिंग का फायदा है कि आमजन ई-मेल से भी थानों को अपनी शिकायत भेज सकेंगे। इसके लिए बिहार पुलिस की वेबसाइट पर राज्य के सभी थानों के नंबर एवं ई-मेल की जानकारी दी गई है। नए कानून में वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन पर जोर से सिर्फ बयान के आधार पर गलत दोषारोपण पर रोक लगेगी।
पूरे राज्य में गिरफ्तार होने वाले व्यक्ति के फिंगरप्रिंट डाटाबेस में दर्ज किए जाएंगे। घटनास्थल पर मिलने वाले फिंगरप्रिंट का त्वरित मिलान पूरे देश में गिरफ्तार `व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट डाटाबेस से किया जा सकेगा।