जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के नेतृत्व में गठित जिला निरीक्षण समिति

पटना(खौफ 24): जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के नेतृत्व में गठित जिला निरीक्षण समिति के द्वारा पटना जिला के 5 बाल देखरेख संस्थानों (सूर्योदय बाल गृह, अरुणोदय विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, सृजनी विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, बाल गृह अपना घर तथा आशा किरण बालिका गृह) का निरीक्षण किया गया।

किशोर न्याय (बालकों की देख –रेख एवं संरक्षण ) अधिनियम 2015 की धारा 54 तथा बिहार किशोर न्याय (बालकों की देख –रेख एवं संरक्षण ) नियमावली 2017 के नियम 41(8) के प्रावधानों के अंतर्गत गठित जिला निरीक्षण समिति में जिलाधिकारी के साथ मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा), पुलिस उपाधीक्षक (मु०) सह नोडल पदाधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई, मानसिक रोग विशेषज्ञ, बाल कल्याण समिति/ किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष/सदस्य तथा जिलाधिकारी द्वारा नामित बाल संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत नागरिक समाज का एक सदस्य होता है जो हर तीन माह में जिला में संचालित सभी बाल देखरेख संस्थानों का निरीक्षण कर निर्धारित प्रपत्र 46 में अपनी रिपोर्ट समाज कल्याण निदेशालय को प्रेषित करता है।

निरीक्षण समिति ने अधिकांश गृहों की व्यवस्था को संतोषजनक पाया। बाल देखरेख संस्थानों में पाई गई त्रुटियों के निराकरण हेतु अधीक्षकों को किशोर न्याय (बालकों की देख –रेख एवं संरक्षण ) अधिनियम 2015 के प्रावधानों को शत प्रतिशत लागू करना सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

निरीक्षण समिति द्वारा पिछले त्रैमासिक निरीक्षण के दौरान दिए गए निदेशों की समीक्षा की गई तथा उसमें संतोषजनक सुधार पाया गयाअरुणोदय विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित बच्चों के आवासन, भोजन, मनोरंजन, चिकित्सा इत्यादि की व्यवस्था अच्छी पाई गयी साथ ही संस्थान द्वारा स्थापित CCTV कैमरा विद्युत के अभाव में अवरुद्ध था जो बिजली आने पर चालू पाया गया समाज कल्याण विभाग द्वारा अलग से 5 कैमरा अधिष्ठापित है जो चालू स्तिथि में पाया गया।

सृजनी दत्तक ग्रहण संस्थान के भवन को दत्तक ग्रहण विनियम 2022 के निर्धारित मापदंडो के अनुसार भवन का चयन करते हुए किसी अन्य स्थान पर स्थान्तरित करने का निर्देश दिया गया है । जिलाधिकारी द्वारा संचिकाओ का अवलोकन किया गया जिसमे MASTER REGISTER का आवश्यक सुधार करने का निदेश दिया गया |विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थानों के निरीक्षण में पाया गया कि दोनों गृहों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के चिकिसीय जाँच एवं देख भाल के लिए किसी के संस्थान (मेडिकल अस्पताल) को नामित करने का निदेश मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को दिया गया है ।साथ ही विशेष आवश्यकता वाले बालकों का चिकित्सीय जाँच रिपोर्ट

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दत्तकग्रहण विनियम 2022 के प्रावधानानुसार निर्धारित समय के अंदर करते हुए पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी दिया गया है ।

बाल गृह अपना घर के भवन का जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा है । बाल गृह अपना घर में प्रतिनियुक्त चिकित्सक को निर्देश दिया गया कि नियमित रूप से गृह में आकर बच्चों की जांच की जाए ।सभी गृहों के बच्चों के मेडिकल फाइल की समीक्षा की गई तथा अधीक्षक एवं एएनएम को बच्चों की नियमित रूप से चिकित्सा जांच करवाने का निदेश दिया गया । साथ ही सभी अधीक्षक / समन्वयक को निर्देश दिया गया कि नियमित रूप से गृह में अधिष्ठापित CCTV कैमरों के भंडारण या बैकअप दैनिक आधार पर समीक्षा दिन के कार्य घंटों के दौरान यादृच्छिक (RANDOMLY )आधार पर कम से कम दो बार वीडियो फुटेज देखा जाय|

जिलाधिकारी ,के द्वारा बताया कि गृहों में बच्चों को बेहतर गुणवत्तापूर्ण सुविधा देने के साथ- साथ उनके बेहतर भविष्य के लिए भी कार्य किया जा रहा है । यह उनके व्यक्तिगत देखभाल योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन करने से ही संभव है ।

निरीक्षण में प्रभारी सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई (जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी ) श्री अशोक कुमार दास , मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा प्राधिकृत डॉ शालिनी सिंह , जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा) श्री अरुण मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक (मु०) सह नोडल पदाधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई के द्वारा प्राधिकृत श्री रामाशंकर कुमार , बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष-सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुश्री आभा प्रसाद के साथ, जिलाधिकारी द्वारा नामित बाल संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत नागरिक समाज के प्रतिनिधि के रूप में सुश्री नेहा कुमारी, श्री मुकुल कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी(गैर संस्थागत), श्री प्रभाकर रंजन , बाल संरक्षण पदाधिकारी (गैर -संस्थागत),जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना उपस्थित थे।

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