जिंदा जाने के मामले में घटना के बाद परिवारों से मिलने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी
गया(अरुणजय प्रजापति): डुमरिया थाना क्षेत्र पचमह गांव में भीड़ के द्वारा एक महिला डायन के आरोप में जिंदा जलाने के मामले में घटना के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह स्थानीय विधायक जीतन राम मांझी ने गुरुवार को पचमह गांव पहुंचे। जहां उन्होंने मृतक के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इसी क्रम में उन्होंने पीड़ित परिवारों को परिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार रुपए का चेक और आपदा योजना के तहत 95 सौ रुपए नकल राशि दिए। जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से बात करते हुए कहा कि इस घटना में जो भी दोषी लोग हैं वह उन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जो दोषी है वह बक्से नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे कई जनप्रतिनिधियों का भूमिका सामने आ रही है। इस घटना के पीछे जो जनप्रतिनिधि शामिल है उन पर भी पुलिस कार्रवाई कर रही हैं। क्योंकि बुधवार को इस मामले को लेकर गया के सीनियर एसएसपी हरप्रीत कौर ने पचमह गांव में पहुंच कर इस घटना को पूरी जानकारी लेते हुए हर एक बिंदु पर जांच कर रही है। इस घटना के पीछे जो भी शामिल है।
उनके खिलाफ करवाई कर रही है। वहीं इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मी से बात करते हुए कहा कि यह घटना काफी चिंताजनक और दुखद है। जिस तरह से पचमह गांव में भरी पंचायत में लोगों के द्वारा एक बेकसूर महिला को तंत्र मंत्र का आरोप लगाकर डायन के नाम पर जिंदा जला दिया गया शर्मसार कर देने वाली घटना हुई है। यह कहीं से जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले में जो जो लोग दोषी हैं उन पर स्पीडी ट्रायल चलाकर पुलिस दोषियों को कई सजा दिलाने का काम करेगी। इसके साथ ही इस घटना के पूर्व 27 तारीख को पीड़ित परिवार के द्वारा स्थानीय थाना में लिखित आवेदन दिया गया था। लेकिन कहीं ना कहीं स्थानीय पुलिस के दोषी कारण या घटना घटी है। ऐसे में हम सीनियर एसपी एवं आईजी और डीआईजी से बात कर दोषी पुलिसकर्मियों पर करवाई करने की बात करेंगे। वही जो मृतक के परिजन के रहने के लिए एक अलग से आवास, पीड़ित परिवारों को सरकार के द्वारा 10 लाख रूपया एवं एक परिवार की नौकरी दिलवाने का प्रयास करेंगे। हालांकि स्थानीय प्रशासन एवं स्थानीय पुलिस इस घटनाक्रम को बारीकी से जांच करते हुए अनुसंधान में जुटी हुई है।