
मौनी अमावस्या पर गंगा में श्रद्धालु ने लगाए डुबकी
पटना सिटी, (खौफ 24) कंगन घाट पर आज श्रद्धालू की भीड़ रहा वैदिक पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या का शुभारंभ 28 जनवरी को हुआ था और इसका समापन आज हुआ। सनातन धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, जिसके अनुसार आज यह पावन तिथि पूर्ण मानी गई।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखना अत्यंत लाभकारी होता है। इसे आत्मशुद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन मौन धारण करने से न केवल आत्मा शुद्ध होती है, बल्कि मन को स्थिरता और विचारों में सकारात्मकता आती है।
इस अवसर पर देशभर में श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य किया। खासकर प्रयागराज में संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और भगवान विष्णु व शिव की आराधना की। माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सनातन परंपरा में मौन को ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक माना गया है। ऋषि-मुनि भी ध्यान और साधना में मौन व्रत का पालन करते थे, जिससे आत्मसंयम और आत्ममंथन की शक्ति प्राप्त होती थी। इसी परंपरा का पालन करते हुए, आज भी लाखों लोग इस दिन मौन व्रत रखते हैं और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होते हैं।