बटुक भैरव मंदिर, चार सौ साल पुराना, जिसका आज वार्षिक उत्सव

पटना सिटी, (खौफ 24)  चौक स्थित बटुक भैरव का मंदिर, जो चार सौ साल पुराना है, वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया। यह मंदिर बिहार के पटना सिटी में एकमात्र बटुक भैरव मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि एक पौराणिक कथा से भी जुड़ा हुआ है,जो इस मंदिर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता को और बढ़ाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, बटुक भैरव की उत्पत्ति एक विशेष कारण से हुई थी। माना जाता है कि प्राचीन काल में ‘आपद’ नामक एक राक्षस ने कठोर तपस्या करके अजेय होने का वरदान प्राप्त किया। इस वरदान के अनुसार, आपद को केवल पांच साल के एक छोटे से बच्चे द्वारा ही मारा जा सकता था, और इसके अलावा कोई भी उस राक्षस का वध नहीं कर सकता था।

ऐसी स्थिति में, बटुक भैरव के रूप में भगवान शिव के एक रूप की उत्पत्ति हुई, जिनकी शक्ति से राक्षस का वध हुआ। बटुक भैरव का रूप एक छोटे बच्चे के रूप में था, जिससे यह कथा पूरी हुई और राक्षस का वध हुआ। तभी से बटुक भैरव की पूजा की परंपरा शुरू हुई, और इस मंदिर में हर साल उनका वार्षिक उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मंदिर में आज के दिन विशेष पूजा-अर्चना, हवन और भव्य कार्यक्रम होते हैं, जहां श्रद्धालु बटुक भैरव से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं।वोही मंदिर के पुजारी अखिलेश मिश्रा और सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने मंदिर का जानकारी दिया

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