प्रबंधन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का आयुक्त ने दिया निदेश

पटना(खौफ 24): 30.05.2023ः आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना-सह-अध्यक्ष, रोगी कल्याण समिति, इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, पटना श्री कुमार रवि ने कहा है कि नागरिकों को सुगम, विश्वसनीय, गुणवत्तापूर्ण एवं सृदृढ़ स्वास्थ्य-सेवा उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वे आज इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान के सभागार में संस्थान के रोगी कल्याण समिति के शासी निकाय की बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। आयुक्त श्री रवि ने कहा कि इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान राज्य में स्वास्थ्य और चिकित्सा कल्याण विभाग के तहत विशेष कार्डियक केयर के लिए राज्य का पहला अस्पताल है।

यह सुपरस्पेशलिटि कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल यूनिक विशिष्ट सरकारी अस्पताल है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा रोगियों के हित में अच्छा कार्य किया जा रहा है। सुविधाओं की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए सभी को सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध होना पड़ेगा। आयुक्त श्री रवि ने कहा कि विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय में सभी के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे प्रभावी, कुशल एवं जवाबदेह प्रणाली से ही हासिल किया जा सकता है। सभी स्टेकहोल्डर्स(हितधारक) इसके लिए प्रयत्नशील रहें।

बैठक से पूर्व आयुक्त श्री रवि ने संस्थान के विभिन्न वार्ड एवं यूनिट का निरीक्षण किया तथा मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने प्रथम तल पर इमर्जेंसी, पाँचवें एवं छठे तल पर क्रिटिकल केयर यूनिट, आईसोलेशन रूम, सातवे तल पर कैथ लैब, सर्जरी, ओटी, नौवे तल पर सेन्ट्रल पैथोलोजी लैब सहित पुराने एवं नये भवन में विभिन्न कक्षों का निरीक्षण किया।

आज के इस बैठक में आयुक्त श्री रवि ने इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान द्वारा मरीजों के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। रोगी कल्याण समिति द्वारा प्रस्तुत एजेंडा पर सदस्यों ने एक-एक कर चर्चा की। अस्पताल के प्रबंधन एवं संचालन पर विस्तृत विमर्श किया गया। मरीजों के हित में दवाओं एवं यंत्रों की उपलब्धता, ओपीडी तथा आईपीडी का संचालन, नए भवन में सामग्रियों का अधिष्ठापन, चिकित्सकों एवं कर्मियों की उपस्थिति, पदसृजन एवं आउटसोर्सिंग, संस्थान में जलापूर्ति, नियमित एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति, शौचालय, स्वच्छता सहित विभिन्न बिन्दुओं पर संस्थान के निदेशक-सह-सदस्य-सचिव, रोगी कल्याण समिति डॉ. सुनील कुमार द्वारा उपस्थापित प्रस्तावों पर समिति के सदस्यों ने चर्चा की।

आयुक्त श्री रवि ने संस्थान के नये भवन में मरीजों के लिए बने अति विशिष्ट कक्ष में ऑक्सीजन पाईप लाईन, मॉनिटर एवं शेष कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निदेश दिया। उन्होंने इस कार्य को पूरा करने के लिए बीएमएसआईसीएल के अधिकारी एवं अभियंता को जून, 2023 तक का लक्ष्य दिया। आयुक्त श्री रवि द्वारा बीएमएसआईसीएल के अभियंता को एक सप्ताह के अंदर सिवरेज चैम्बर बनाने का कार्य शुरू करने का निदेश दिया ताकि संस्थान के नये भवन एवं क्वार्टर की स्वच्छता बरकरार रखने के लिए सिवरेज टैंक प्लांट की क्रियाशीलता प्रभावी हो।

आयुक्त श्री रवि ने बीएमएसआईसीएल को मानक गुणवत्ता के अनुसार आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निदेश दिया। संस्थान के निदेशक ने आयुक्त के संज्ञान में लाया कि रोगी के कल्याण हेतु सरकार के द्वारा उपलब्ध मुख्यमंत्री राहत कोष, बाल हृदय योजना , प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा स्वास्थ्य कार्यक्रम योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों और रोगियों के लिए पेसमेकर/बीएमवी/सीएमवी/वॉल्व रिप्लेसमेन्ट/सीएबीजी और कई अन्य कार्डियक प्रक्रियाओं के लिए मुफ्त जाँच एवं इलाज की जाती है।

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शिशु हृदय चिकित्सा एवं शिशु हृदय शल्य चिकित्सा की सुविधाओं को उन्नत किया गया है। निदेशक ने आयुक्त के समक्ष इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान के कार्यों एवं गतिविधियों पर दिनांक 01 जनवरी, 2022 से दिनांक 30 अप्रैल, 2023 तक का बिन्दुवार प्रतिवेदन रखा। इस अवधि में संस्थान में 88,544 रोगियों को ओपीडी तथा 13,141 रोगियों को आईपीडी की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। 1,19,077 रोगियों को ईसीजी जाँच की सुविधा सुलभ करायी गई। वर्षवार विस्तृत विवरण निम्नवत हैः-

  1. 01 जनवरी, 2023 से दिनांक 30 अप्रैल, 2023 तक का बिन्दुवार प्रतिवेदनः-
  • आउटडोर रोगियों की संख्याः 26,369
  • इन्डोर रोगियों की संख्याः 3,760
  • जाँच की सुविधाः ईसीजी-16,696 ; ईसीएचओ-7,486 ; टीएमटी-1050 ; टीईई-03; हॉल्टर-410 ;एक्स-रे-3,059; पैथोलोजी-51,315; सीटी एंजियो-198; कोविड-13,216; एंजियोप्लास्टि (पीटीसीए)-244; एंजियोग्राफी (सीएजी)-1,237
  • वर्तमान वर्ष में किए गए शल्य चिकित्सा का विवरणः परमानेन्ट पेसमेकर इम्प्लांटेशन (पीपीआई)-424, टेम्पोरेरी पेसमेकर इम्प्लांटेशन (टीपीआई)-714, डिवाइस क्लोजर सर्जरी-06
  • मुख्यमंत्री राहत कोष योजना के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या(पीपीआई)-197
  • बाल हृदय योजना के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-58
  • राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-47
  • प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या-118
  • संस्थान में कार्यरत चिकित्सकों की संख्याः 67
  • दवाओं की उपलब्धताः बीएमएसआईसीएल द्वारा दवाओं की आपूर्ति की जाती है। आवश्यकतानुसार दवाएँ उपलब्ध हैं। अति आवश्यक दवाओं को संस्थान द्वारा भी क्रय कर मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है।
  • संस्थान में पेयजल की उपलब्धताः आउटडोर एवं सभी वार्ड में वाटर फिल्टर संस्थापित है।
  • शौचालय की उपलब्धताः वार्ड में शौचालय की व्यवस्था है।
  1. 01 जनवरी, 2022 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2022 तक का बिन्दुवार प्रतिवेदनः-
  • आउटडोर रोगियों की संख्याः 62,175
  • इन्डोर रोगियों की संख्याः 9,381
  • जाँच की सुविधाः ईसीजी-1,02,381 ; ईसीएचओ-18,111 ; टीएमटी-2,510; हॉल्टर-1,324; एक्स-रे-6,915; पैथोलोजी-1,03,448; सीटी एंजियो-184; कोविड-33,473; एंजियोप्लास्टि (पीटीसीए)-590; एंजियोग्राफी (सीएजी)-2,592
  • शल्य चिकित्सा का विवरणः परमानेन्ट पेसमेकर इम्प्लांटेशन (पीपीआई)-1,665, टेम्पोरेरी पेसमेकर इम्प्लांटेशन (टीपीआई)-1,387, डिवाइस क्लोजर सर्जरी-06
  • बाल हृदय योजना के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-314
  • राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत लाभांवित मरीजों की संख्या-24
  • प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना- आयुष्मान भारत अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या-312

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं किसी भी प्रणाली की रीढ़ है, जो सभी नागरिकों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराती है। रोगियों की अधिकतम संतुष्टि सुनिश्चित करना एवं मरीज-केंद्रित सेवा सुलभ कराना सभी का दायित्व है। संस्थान द्वारा इसमें सराहनीय कार्य किया जा रहा है। आशा है आगे भी संस्थान इसे सुनिश्चित करेगी।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि इंदिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान हृदय रोगियों के लिए राज्य का अत्यंत महत्वपूर्ण सरकारी संस्थान है। उन्होंने संस्थान में कार्डियोलोजी शिक्षण, प्रशिक्षण एवं इलाज में सुविधाओं के विकास पर नियमित तौर पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने स्वीकृत पदो के विरूद्ध पदस्थापन हेतु विभाग के निदेशानुसार विहित प्रक्रिया का अनुपालन करने का निदेश दिया। उन्होंने बीएमएसआइसीएल को कार्यों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निदेश दिया।

आयुक्त श्री रवि ने प्रबंधन तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

आयुक्त श्री रवि ने कहा कि दक्ष चिकित्सकों, सक्षम पेशेवरों एवं समर्पित कर्मचारियों के द्वारा मरीजों के प्रति मित्रवत वातावरण का निर्माण किया जा सकता है एवं समाज के हर वर्ग को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि संस्थान इस दिशा में तत्परता के साथ कार्य कर रहा है।

इस बैठक में आयुक्त के साथ निदेशक, इंदिरा गााँधी हृदय रोग संस्थान डॉ. सुनील कुमार, संस्थान के संयुक्त निदेशक, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी डॉ. विद्यानन्द सिंह, क्षेत्रीय अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, सिविल सर्जन, बीएमएसआईसीएल के प्रतिनिधि तथा रोगी कल्याण समिति के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

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