बाढ़ पीड़ितो ने सुनाई अपनी पीड़ा

बलिया, संजय कुमार तिवारी बांसडीह तहसील क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में घाघरा नदी के कटान से टिकुलिया गांव के रहने वाले कटान पीड़ितों को बाढ़ शरणालय में रखा गया है। जहां बाढ़ पीड़ितों को सरकार खाने से लेकर पीने तक की व्यवस्था की है। यहां छोटे बच्चो से लेकर महिला तक बाढ़ पीड़ितों से आलू छिलवाया जा रहा है लेकिन जरा बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा को सुनिए यह दिव्यांग बाढ़ पीड़ित है और बाढ़ शरणालय में भीषण गर्मी में सो रहे यह बच्चे है।पंखा तो है लेकिन लाइट नहीं है जरनेटर तो है लेकिन दो घंटे से अधिक नही चलता है भीषण गर्मी लोग बेहाल है दिन में लाइट नहीं रहती है लेकिन कोई शुद्ध लेने वाला नहीं है जिनके घर में एक यहीं कमाने वाला दिव्यांग है चलने काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

यह बाढ़ पीड़ित लगभग एक माह से यहां पर रह रहे है लेकिन बाढ़ पीड़ितों को लगभग पांच , छः दिन से भोजन मिला रहा है। भोजन में इनको दिन में चावल और सब्जी और रात्रि में पूड़ी सब्जी मिलती है।इनको दाल नसीब तक नही हो रही है। मैं दिव्यांग व्यक्ति हूं और मुझे सरकार से कोई लाभ नहीं मिलता है मेरे पास कोई खेती बारी तक नही है एक मैं ही कमाने वाला हूं। वही बाढ़ पीड़ितों को भोजन देने वाला ठेकेदार अजय कुमार ने बताया कि यह बाढ़ पीड़ित लोग है और यहां पर ये लोग रह रहे है इनकी सेवा देने के लिए हम लोग 25 तारीख से यहां रह रहे है।इनको दिन में चावल सब्जी और रात्रि में पूड़ी सब्जी दे रहे है 230 परिवारों का भोजन बना रहे है लेकिन यहां पर पेपर में 130 परिवार है सोनू जायसवाल ठेकेदार आजमगढ़ के रहने वाले है।

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