पुराने गंगा घाटो पर बाढ़ के जल का आगमन हो चुका है : राकेश कपूर
पटना, (खौफ 24) इन दिनों गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण प्राचीन पाटलीपुत्र पटना सिटी के पुराने गंगा घाटो पर बाढ़ के जल का आगमन हो चुका है जिसे देखने शहर की जनता कौतूहल पूर्वक देख रही है। वैसै पचास साठ के दसक जन्में व्यक्ति के लिए यह कोई अजूबा नही है क्यों कि पहले प्रत्येक बर्ष बाढ़ के समय यहां के घाटों तक भरपूर पानी आ जाता था जो महीनों रहता था और लोग स्नान वगैरह करते थें।पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने दिया बयान बिहार सरकार की गलत नीतियों के कारण गंगा के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों की जमीन को पट्टे पर देकर उन गढ़ों को भरवा दिया और लोंगो ने रिहाइशी मकान बना लिए। साथ ही बिहार सरकार ने इस बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में भव्य सूचना भवन बना दिया और गुरूद्वारा को जमीन दान देकर भव्य गुरूद्वारा निर्माण करने की इजाजत देकर निर्माण करवा डाला ।साथ साथ गुरूद्वारा ने मदरसा घाट, चिमनी घाट से लेकर झाऊ घाट तक जमीन पर मिट्टी व पुराने भवन के मलवो से भराई कर बाढ़ के पानी आने के रास्तो अवरुद्ध कर दिया है ।सरकार व गुरूद्वारा की देखा देखा देखी जनता ने इन क्षेत्रों मकानों का पक्का निर्माण कर लिया।
गंगा के बाढ़ग्रस्त क्षत्रों में किए गए सभी अवैध निर्माण के खिलाफ पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर की शिकायत पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण पूर्वी क्षेत्र की कलकत्ता न्यायालय ने संज्ञान लेकर लेकर केस दर्ज किया है जिसकी सुनवाई जनवरी माह से ही चल रही है और कल 20सितम्बर24 को भी विडिओ कान्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई थी और अब कोर्ट ने 10 दिसम्बर 24 को अगली सुनवाई होगी।केस में विलंब का कारण अशोक कुमार सिन्हा ने नौजर घाट से नुरूद्दीनगंज घाट तक गंगा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में किए गए निर्माण को वैधता के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में 3367/2020 सिविल अपील दायर कर रखी है।जिस कारण विलंब हो रहा है।
पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने कहा कि मुख्य मंत्री नीतीश कुमार द्वारा कंगन घाट के बाढ़ का दृश्य गंगा एक्सप्रेस-मार्ग के ऊपरी पुल से क्षेत्रीय विधायक और बिहार विधान सभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव के साथ देखा लेकिन पिछली बार तो इन दोंनो ने नीचे के डूबे पथ पर खड़े होकर यह दृश्य देखा था।