जेल में जीवनलीला को किया समाप्त, हत्या करने का परिजन ने लगाया आरोप

जमुई, मो. अंजुम आलम : अवैध राशि की उगाही, बंदियों के साथ मारपीट व प्रताड़ित करने के आरोप को लेकर हमेशा जमुई जेल सुर्खियों में रहा है। कई बार लापरवाही व मनमानी का आरोप प्रत्यारोप जेल प्रशासन पर लग चुका है। एक बार फिर जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां जेल में विचाराधीन बंदी की मौत मामले में एक नया मोड़ आ गया है। सुरक्षा के बीच जेल में बंद बंदी की फांसी लगाकर हत्या कर दी गई और शरीर के कई हिस्सों पर भी जख्म के निशान पाए गए है।

शुक्रवार और शनिवार की मध्य रात्रि करीब 12:15 बजे मामले का उजागर तब हुआ जब परिवार वाले सदर अस्पताल पहुंचे। बंदी की बहन सावित्री देवी ने महज 1000 रुपया के लिए भाई डब्लू चौधरी की हत्या करने का आरोप लगाया है। साथ ही बिना परिवार के पहुंचे ही और बिना अनुमति के पोस्टमार्टम कराने का आरोप जेल व पुलिस प्रशासन के साथ चिकित्सक पर लगाया है। इस दौरान स्वजन ने रात भर सदर अस्पताल में हंगामा किया और हत्या करने का आरोप लगाकर जेल व जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताया है। मृतक बंदी की पहचान सिमुलतला थाना क्षेत्र के तेलवा बाजार स्थित तुरी टोला निवासी महेंद्र चौधरी के पुत्र डब्लू चौधरी के रूप में हुई है।

परिजन ने बताया कि करीब चार माह पहले डब्लू चौधरी की पत्नी ज्योति कुमारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसको लेकर ज्योति कुमारी के नैहर वालों ने पति डब्लू चौधरी सहित अन्य ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाया गया था। इसी मामले में 18 अगस्त को पुलिस ने डब्लू चौधरी को गिरफ्तार किया और 19 अगस्त को जेल भेजा गया था।
जेल जाते ही डब्लू चौधरी के साथ कुछ बंदियों द्वारा प्रताड़ित किया गया था और फोन कर पैसे की मांग की गई थी।

वार्ड में रहने व सोने के एवज में जेल से फोन कर मांगा तीन हज़ार

बंदी डब्लू चौधरी की बहन सावित्री कुमारी और भाई दीपक चौधरी ने बताया कि 19 अगस्त की देर शाम पुलिस द्वारा डब्लू चौधरी को जेल भेजा गया था। 19 और 20 अगस्त की रात बंदी द्वारा डब्लू चौधरी को शौचालय में खड़ा करवाकर रखा गया था। रातभर सोने के लिए नहीं दिया गया था। उंसके बाद 21 अगस्त को डब्लू चौधरी से फोन पर बात करवाया गया और दो हज़ार रुपए की मांग की गई। उंसके बाद मोबाइल नंबर
6290316212 पर संतोष कुमार यादव नामक फोन पे पर 2000 रुपया भेजा गया था, फिर 22 अगस्त की दोपहर 12:00 बजे 1000 रुपया का डिमांड किया गया था लेकिन फोन पे पर पैसा नहीं भेजा गया और मुलाकात के लिए आने के बाद 1000 रुपया देने की बात कही गई थी।

सावित्री देवी ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम सूचना मिली कि अचानक डब्लू चौधरी की तबियत बिगड़ गई है। कुछ देर के बाद एक मीडिया कर्मी द्वारा सूचना दी गई कि डब्लू चौधरी की मौत हो गई है और उसका शव सदर अस्पताल में रखा हुआ है। इस संबंध में जेल प्रशासन द्वारा कुछ भी जानकारी नहीं दी गई और परिवार वालों के पहुंचने से पहले बिना अनुमति के पोस्टमार्टम करा दिया गया। जब सभी परिवार के सदस्य सदर अस्पताल पहुंचे तो देखा कि गले पर रस्सी के गहरे निशान हैं और शरीर के कई हिस्सों पर जख्म के निशान हैं। परिजन ने आरोप लगाया है कि डब्लू चौधरी के साथ जेल में बेरहमी से मारपीट की गई है और फांसी लगाकर हत्या की गई और जेल प्रशासन छुपा रही है।

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बंदी डब्लू चौधरी की मौत के बाद इसकी सूचना टाउन थाना की पुलिस को दी गई, फिर टाउन थाना की पुलिस के द्वारा पोस्टमार्टम के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी की गई। उसके बाद मृतक डब्लू चौधरी के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए एक मेडिकल टीम का गठन किया गया। मेडिकल टीम में सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. सैयद नौशाद अहमद,डा. मनीष कुमार और डा. घनश्याम सुमन को शामिल किया गया। उंसके बाद वीडियो रिकार्डिंग के साथ जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त मजिस्ट्रेट की निगरानी में डाक्ट की टीम के द्वारा बंदी के शव का पोस्टमार्टम किया गया।

जेल में बंद डब्लू चौधरी की मौत मामले में जेल प्रशासन और चिकित्सक भी कुछ बताने से परहेज करते रहे। जेल अधीक्षक संजीव कुमार से संपर्क करने की कोशिश भी नाकाम रही। उनका मोबाइल शुक्रवार की शाम 5:00 बजे से शनिवार की शाम 4:00बजे तक बंद ही रहा। चिकित्सक घनश्याम सुमन भी कुछ बताने से बचते रहे।

पूर्व में भी फांसी लगाने से सजायाफ्ता कैदी की हो चुकी है मौत

16 सितंबर 2024 को सजायाफ्ता कैदी तूफानी यादव की जेल में ही जीवन लीला कर लिया जिससे मौत हुई थी। उस वक़्त भी मामले में स्वजन ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया था, जबकि जेल प्रशासन ने आत्महत्या की बात कही थी, लेकिन सवाल यह उठ रहा था कि कड़ी सुरक्षा के बीच जेल में कैसे फांसी लगाया जा सकता है। स्वजन ने आक्रोश जताते हुए हंगामा भी किया था। दरअसल तूफानी यादव तांत्रिक के कहने पर अपने मासूम भतीजा को तलवार से कटकर निर्मम हत्या कर दी थी। जिसको लेकर उसे सजा हुआ था। उसके बाद उसकी मौत फांसी लगाने की वजह से हुई थी।

कहते हैं जिलाधिकारी

जिलाधिकारी नवीन ने बताया कि परिवार वालों द्वारा सदर अस्पताल में हंगामा करने और आरोप लगाने की जानकारी मुझे नहीं मिली है। और न ही ऐसी किसी प्रकार की शिकायत मिली है। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मामले की सत्यता सामने आ जायेगी। जांच चल रही है।

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