निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया

पटना, (खौफ 24) गुरुवार दिनांक 10.07.2025ः जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. त्यागराजन एस.एम. की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभागार में मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के तहत मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन/युक्तिकरण के पश्चात मतदान केन्द्रों की प्रारूप सूची पर प्राप्त दावे/ आपत्तियों (शिकायत/सुझाव) पर विचार-विमर्श के लिए माननीय विधायकों, मान्यता-प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निदेशों, विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण, समय-सीमा एवं गतिविधियों के बारे में माननीय जन-प्रतिनिधियों से सूचना साझा की गई तथा विस्तार से चर्चा किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक मतदान केन्द्र पर 1,200 निर्वाचकों के मानक के आधार पर युक्तिकरण हेतु आयोग द्वारा दिशा-निदेश दिया गया है। मतदान केन्द्रों का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन 25 से 26 जून, 2025 तक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों द्वारा किया गया। दिनांक 30 जून, 2025 को मतदान केन्द्रों के प्रारूप सूची का प्रकाशन किया गया था। जिला अंतर्गत सभी विनिर्दिष्ट स्थलों पर इसका प्रकाशन किया गया। इस दिन आप सबों के साथ बैठक की गई थी तथा प्रारूप सूची पर विस्तार से चर्चा की गई थी। यह सूची आप सबको उपलब्ध करायी गई थी। मतदान केन्द्रों के भौतिक सत्यापन के आधार पर मूल मतदान केन्द्रों में संशोधन प्रस्ताव एवं मतदान केन्द्रों पर निर्वाचकों की आयोग द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा को बनाए रखने के लिए प्रस्तावित मतदान केन्द्रों को मिलाकर मतदान केन्द्रों की प्रारूप सूची तैयार की गई थी।

आंकड़े निम्नवत हैः

पूर्व अनुमोदित मतदान केन्द्रों की संख्याः 4,906

युक्तिकरण के दौरान नए मतदान केन्द्रों की कुल संख्याः 760

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युक्तिकरण के पश्चात मतदान केन्द्रों की कुल संख्याः 5,666.

दिनांक 30 जून से 06 जुलाई, 2025 तक मतदान केन्द्रों के प्रारूप सूची पर दावे एवं आपत्ति दाखिल करने की अवधि निर्धारित की गई थी। प्राप्त दावों एवं आपत्तियों का निष्पादन 08 जुलाई, 2025 तक किया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि निर्धारित अवधि में मतदान केन्द्रों के प्रारूप सूची के संदर्भ में प्राप्त दावा-आपत्ति, सुझाव आदि पर नियमानुसार कार्रवाई की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि आयोग का स्पष्ट निदेश है कि किसी भी परिस्थिति में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर अधिकतम 1,200 निर्वाचक से अधिक निर्वाचक सम्बद्ध नहीं किया जाना है।

जिलाधिकारी ने कहा कि मैनुअल ऑन पोलिंग स्टेशन, 2020 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार मतदान केन्द्रों के संदर्भ में युक्तिकरण/संशोधन की कार्रवाई की जा रही है। आयोग के निदेशानुसार ऐसे सभी मतदान केन्द्रों पर जहाँ निर्वाचकों की संख्या 1,200 से अधिक है वहाँ युक्तिकरण की कार्रवाई की गई है। अर्हता तिथि 1 जुलाई, 2025 के आधार पर विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण एवं सतत अद्यतीकरण प्रक्रिया के अंतर्गत निर्वाचकों की संख्या में होने वाली वृद्धि के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है कि युक्तिकरण के क्रम में 1,200 के मानक के आधार पर मतदान केन्द्रों का पुनर्गठन किया जाए ताकि भविष्य में निर्वाचन के अवसर पर मतदान केन्द्रों की संख्या में आकस्मिक वृद्धि को सीमित किया जा सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि आयोग द्वारा निर्धारित कैलेण्डर के अनुसार मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण से संबंधित हर कार्य किया जा रहा है। आयोग द्वारा निर्धारित मानकों का अक्षरशः अनुपालन किया गया है। युक्तिकरण के क्रम में 1,200 के मानक के आधार पर नए मतदान केन्द्रों का सृजन मैनुअल ऑन पोलिंग स्टेशन मे निहित निदेश के अनुसार किया जा रहा है। सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को निदेशित किया गया है कि युक्तिकरण कार्य में हर हाल में आयोग की मार्ग-दर्शिका का अनुपालन सुनिश्चित करें। मतदान केन्द्र का सामान्यतः मतदान क्षेत्र के भीतर होना, प्रशासनिक सीमा का ध्यान रखा जाना, स्थायी भवन/सरकारी भवन/निजी भवन/अस्थायी संरचना एवं अन्य महत्वपूर्ण मानदंडों का भी ध्यान मतदान केन्द्र युक्तिकरण हेतु रखा गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण पर दिनांक 12 जुलाई, 2025 तक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय को समर्पित किया जाना है। दिनांक 18 जुलाई, 2025 तक भारत निर्वाचन आयोग का अनुमोदन प्राप्त किया जाना है। सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों को आयोग के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है।

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