
रणजीत कुमार उर्फ दही गोपकी अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
दानापुर, अजीत | छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रणजीत कुमार उर्फ दही गोप की अंतिम यात्रा मंगलवार को पूरे सम्मान और भावनात्मक माहौल में निकाली गई तो हजारों लोगों का हम अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने को उमर पड़ा. हजारों लोगों की भीड़ ने “दानापुर की शान, रणजीत भैया अमर रहें” के नारे लगाए। दीघा घाट पर उनके बड़े बेटे तनिष्क ने मुखाग्नि दी।रणजीत कुमार उर्फ दही गोप को दानापुर छावनी परिषद का एक प्रभावशाली और लोकप्रिय नेता माना जाता था। अंतिम यात्रा में कई राजनीतिक और सामाजिक नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
दानापुर विधायक रीतलाल यादव, जेडीयू नेता श्याम रजक, और पाटलिपुत्र के पूर्व सांसद राम कृपाल यादव समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए।
इससे पहले मंगलवार को पीएमसीएच में पोस्टमार्टम के बाद रणजीत कुमार का पार्थिव शरीर दानापुर स्थित उनके निवास पेठिया बाजार लाया गया। पार्थिव शरीर के घर पहुंचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। अंतिम दर्शन के लिए आए लोगों ने परिवार को ढांढस बंधाया। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लग गया। शव यात्रा का मार्ग सदर बाजार, दानापुर थाना, इमलीतल, शाह टोली, तरकरिया बाजार से होते हुए दीघा घाट तक था। छावनी परिषद कार्यालय में रणजीत कुमार को अंतिम विदाई दी गई, जहां उनके साथियों और समर्थकों ने उन्हें याद किया।अंतिम यात्रा के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए थे।
दानापुर थाना सहित कई थानों की पुलिस बल तैनात थी। पटना पुलिस लाइन से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था। पेठिया बाजार, सदर बाजार, और अन्य प्रमुख स्थानों पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। ड्रोन के जरिए भीड़ और पूरे क्षेत्र की निगरानी की गई।रणजीत कुमार की मौत की खबर के बाद से ही पेठिया बाजार में लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। अंतिम यात्रा में शामिल हजारों लोगों ने गमगीन माहौल में उन्हें श्रद्धांजलि दी। लोगों ने उनके योगदान को याद करते हुए भावुक नारे लगाए। मंगलवार को तीसरे दिन भी दानापुर के प्रमुख बाजार जैसे सदर बाजार, पेठिया बाजार, गांजा रोड, और मच्छरहट्टा रोड की दुकानें बंद रहीं। स्थानीय व्यापारियों और आम जनता ने शोक प्रकट करते हुए अपनी सहानुभूति व्यक्त की। उनके नेतृत्व और समाज के प्रति उनके योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा। उनकी मौत ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया। इस मौके पर उमड़े जनसमूह और भारी सुरक्षा व्यवस्था ने उनके प्रभाव और लोकप्रियता को प्रमाणित किया। दही गोप की अंतिम विदाई ने दिखा दिया कि वे न केवल एक नेता थे, बल्कि दानापुर के लोगों के दिलों में एक खास स्थान रखते थे।