नक्सलियोंं के गढ़ में डॉक्टरों द्वारा इलाज, बांटे जा रहे कंबल- साड़ियां
गया(अरुणजय प्रजापति): बाराचट्टी प्रखंडे के तहत नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले बेला गांव में पहली बार जिला पुलिस की ओर से पुलिस कम्यूनिटी के तहत गरीबों को बड़ी राहत दी गई है। बेला गांव और उसके आसपास के इलाकों के मजलूमों का शहर के नामी डाक्टरों द्वारा इलाज कराया जा रहा है। एसएसपी हरप्रीत कौर की पहल पर गांव में लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में शहर के कई नामी डॉक्टर शिद्दत से मुफलिसों का इलाज कर रहे हैं। साथ ही उन्हें दवाईयां भी मुफ्त में दी जा रही है। यही नहीं गांव के बच्चों को स्कूल बैग,चाॅकलेट भी बांटे जा रहे हैं। इसके अलावा महिलाओं को साड़ियां और कंबल बांंटे जा रहे हैं। खुद एसएसपी मौके पर खड़्े होकर अपने हाथों से महिलाओं और पुरुषों को डॉक्टरों के पास ले जा कर इलाज करवाती हुई नजर आ रही हैं। एसएसपी ने गांव के लोगों को भरोसा दिया है कि जिन भी मरीजाें को चश्मा के जरूरत बताई गई है। उन्हें उनका चश्मा जिला पुलिस की ओर से उनके घर तक पहुंचाया जाएगा।दरअसल बाराचट्टी का बेला गांव जिले का अंतिम गांव है।
यहां के बाद से झारखंड की सीमा शुरू हो जाती है। यह इलाका जंगल व पहाड़ से पूरी तरह से घिरा है। यही वजह है कि यह इलाका नक्सलियों का हमेशा से गढ़ रहा है। कभी मुठभेड़ तो कभी लैंडमाइंस तो कभी नक्सलियों द्वारा हत्या की वारदात को अंजाम तक पहुंचाना दो वर्ष पहले तक आम बात रही थी। पर अब स्थिति धीरे-धीरे काबू में आ रही है। वर्ष 2018 के बाद यहां नक्सली वारदात में काफी कमी आई है। इसी स्थित को देखते हुए एसएसपी हरप्रीत कौर ने जिला पुलिस की ओर से स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है। कैंप का शुभारंभ सुबह ही एसएसपी ने किया था जो अब तक चल रहा है। अब तक करीब 300 लोगों को इलाज किया जा चुका है। वहीं 250 बच्चों के बीच स्कूल बैग और महिलाओं और पुरुषों के बीच 500 से अधिक दोपहर तक कंबल व साड़ियां बांटी जा चुकी हैं। फिलहाल स्वास्थ शिविर चल रहा है।
स्वास्थ्य शिविर मेले का रूप ले लिया है। बेला गांव और उसके आसपास के गांव के लोग इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। साथ ही दवा के साथ कंबल व साड़ी लेकर अपने घर को जा रहे हैं।