वन्य जीवों की हो रही अवैध रूप से तस्करी को रोकना एक वन्य जीव प्रेमी को पड़ा महँगा तस्करों ने किया
पश्चिम बंगाल आसनसोल हीरापुर थाना अंतर्गत बर्णपुर अपर रोड इलाके मे एक नाबालिक युवक द्वारा पिंजरे मे कैद कर अवैध रूप से करीब 6 की संख्या मे तोतों को बेचता देख आसनसोल की रहने वाली वन्य जीव प्रेमी लिपिका चक्रवर्ती को विरोध करना महँगा पड़ गया,
उनको तस्करों की एक झुंड ने चारों तरफ से घेर लिया और पहले तो तस्करों ने उनको डराने धमकाने का काम किया जब लिपिका डट कर अकेले ही उनका सामना करने लगी तब अचानक से तस्करों ने उनके साथ धक्का -मुक्की कर उनका मोबाईल उनके हाँथ से छीनकर जमीन पर पटक दिया और तोड़ दिया,
इस दौरान लिपिका को काफी चोटें भी आई हैं, लिपिका खुदके ऊपर हुए हमले की घटना की लिखित शिकायत हीरापुर थाने मे की जिस शिकायत के आधार पर हीरापुर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तोतों को बरामत तो कर लिया पर लिपिका के ऊपर हमला करने वाले वन्य जीवों को अवैध रूप से तस्करी करने वाले तस्कर अब भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं, पुलिस ने लिपिका को यह आस्वासन दिया है की वह जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे,
वहीं पुलिस ने पिंजरे मे कैद तोतों को लिपिका के हाँथ मे शौंप दिया जिसके बाद लिपिका ने तोतों को वन विभाग के हांथों मे शौंप दिया, लिपिका कहती हैं वह और उनके एक मित्र पार्थ गाँगुली आसनसोल मे पिछले कई वर्षों से सरमेयो अस्तित्व के नाम से एक वाट्सअप ग्रुप चलाते हैं जिस ग्रुप मे वह दोनों एडमिन हैं,
इसके अलावा उस ग्रुप मे करीब 30 सदस्य हैं, सभी सदस्य उन दोनों मित्रों की तरह ही वन्य जीव प्रेमी हैं, सभी सदस्य विभिन्न कंपनियों मे नौकरी करते हैं, इसके अलावा ग्रुप के सभी सदस्य अपनी सैलरी के एक हिस्से से सड़क पर गुजर बसर कर रहे करीब 69 आवारा कुत्तों को भोजन करवाते हैं,
इसके अलावा वह बीमार व सड़क हादसे मे घायल कुत्तों व विभिन्न प्रकार के जानवरों का इलाज भी करवाते हैं, लिपिका ने कहा की आसनसोल मे विलुप्त हो रहे वन्य जीवों की तस्करी पर रोक लगाना बहोत बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह सब लोगों के सामने होता है और पुलिस प्रशासन मुक दर्शक बनकर चुप -चाप बैठी रहती है,उन्होंने कहा वन्य जीवों की तस्करी पर पूरी तरह रोक लगाने का एक ही रास्ता है साभार